Masood Azhar News: ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को कड़ा जवाब!

Masood Azhar

हाल ही में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव चरम पर है। अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शहीद हुए थे, इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। भारतीय एजेंसियों ने बताया कि इस घटना में लगभग पांच आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से तीन पाकिस्तानी थे।

भारत ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान-आधारित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने करवाया था, जबकि पाकिस्तान ने आरोपों को खारिज कर दिया। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध घटा दिए और इंदुस जल संधि को निलंबित कर दिया और 1972 के शिमला समझौते को भी प्रभावी रूप से रोक दिया गया। भारत ने फिर ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)’ नामक जबरदस्त जवाबी कार्रवाई शुरू की, जिसमें भारतीय वायुसेना और थल सेना ने पाकिस्तान तथा पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर (PoK) के नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया।

इन निशानों में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके और जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय बहावलपुर भी शामिल थे। भारतीय सेना ने 25 मिनट के भीतर नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज़बुल मुजाहिदीन के ठिकाने शामिल थे। ऑपरेशन सिन्दूर में मसूद अज़हर (Masood Azhar) के 10 परिवार वाले भी मारे गए हैं। जिसे खुद मसूद अज़हर (Masood Azhar) ने बताया।

उसने कहा कि अगर इस हमले में मैं भी मारा गया होता तो अच्छा होता। भारत सरकार ने कहा कि इन हमलों में केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, आम नागरिकों को कोई हानि नहीं हुई। सोशल मीडिया पर #masoodazharnews और #whoismasoodazhar जैसे हैशटैग ट्रेंड हो रहे हैं, और कई लोग पूछ रहे हैं ‘Did India attack Pakistan today?’ तथा ‘Will Pakistan retaliate?’। ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में Colonel Sofia Qureshi (Indian Army) और Wing Commander Vyomika Singh ने ऑपरेशन का ब्यौरा साझा किया।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो महिला अधिकारियों की मौजूदगी भी ऐतिहासिक रही: कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने देश की सुरक्षा पर दृढ़ विश्वास का परिचय दिया।

कौन है मसूद अजहर (Masood Azhar)?

मसूद अजहर (Masood Azhar) पाकिस्तान का कट्टरपंथी आतंकी और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) संगठन का संस्थापक एवं सरगना है। उसका जन्म 1968 में बहावलपुर, पाकिस्तान में हुआ था। 1994 में भारत ने उसे गिरफ्तार किया था, लेकिन 1999 में IC814 विमान अपहरण के दौरान उसके रिहाई समझौते में आ गया। इसके तुरंत बाद Masood Azhar ने जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और जनवरी 2000 में इसे कराची से लॉन्च किया।

जैश-ए-मोहम्मद का मकसद कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाकर वहां कट्टर इस्लामी कानून लागू करना है। इस संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI, अफगान तालिबान और अल-कायदा का समर्थन प्राप्त है। इसके शुरुआती सदस्यों में हक्कवादी-उल-मुजाहिदीन (HuM) के कैडर शामिल थे। जैश के मुख्य प्रशिक्षण शिविर खैबर-पख्तूनख्वा (पाकिस्तान) और पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर में हैं।

पाकिस्तान सरकार ने 2019 में पुलवामा हमले के बाद बहावलपुर में इस संगठन के मुख्यालय पर कब्जे की घोषणा की, लेकिन विशेषज्ञों ने इसे दिखावा बताया; माना जाता है कि अजहर बहावलपुर छोड़कर पाकिस्तान की सेना की सुरक्षा में हैं। जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में कई भयंकर हमलों की जिम्मेदारी ली है। इनमें 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट एयरबेस और उरी अड्डे पर हमले (जनवरी और सितंबर) और 2019 में CRPF काफिले पर पुलवामा आत्मघाती हमला शामिल हैं।

इतिहास में 26/11 मुंबई हमलों को भी भुलाया नहीं जा सकता है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अजमल कसाब का नाम प्रमुख था; भारत ने उसे 2012 में फांसी दी थी। मसूद अजहर (Masood Azhar) को संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। समाचारों के अनुसार, वह (Masood Azhar) गुर्दे की बीमारी से जूझ रहा है और पिछले कुछ वर्षों से सार्वजनिक रूप से नहीं दिखा है।

प्रमुख आतंकी हमले (पिछले वर्षों में):

◉ 2001: दिल्ली में संसद पर हमला (9 सुरक्षा कर्मी शहीद)।
◉ 2008: मुंबई में 26/11 हमला (लश्कर-ए-तैयबा द्वारा; आतंकी अजमल कसाब गिरफ्तार हुआ और बाद में फांसी दी गई)।
◉ 2016: पठानकोट एयरबेस (जनवरी) और उरी अड्डे (सितंबर) पर हमले (पठानकोट लश्कर-ए-तैयबा ने किया, उरी जैश-ए-मोहम्मद ने)।
◉ 2019: पुलवामा आत्मघाती हमला (जैश-ए-मोहम्मद द्वारा; 40 से अधिक सुरक्षा कर्मी शहीद)।

भारत की कार्रवाई (ऑपरेशन सिंदूर-Operation Sindoor)

भारत सरकार ने साफ कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर आतंक के ढांचे को ध्वस्त करने के लिए की गई संतुलित जवाबी कार्रवाई है। रक्षा मंत्रालय ने बयान में बताया कि 9 प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें मुरीदके (पंजाब में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय) और बहावलपुर (पंजाब में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय) शामिल थे।

ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों (जैसे कोटली, रावलकोट, भिंबर, नेलम घाटी) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में हमले किए गए। प्रेस ब्रीफिंग में Colonel Sofia Qureshi (Indian Army) और Wing Commander Vyomika Singh ने ऑपरेशन को विस्तार से बताया। कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की सम्मानित अधिकारी हैं और बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।

विदेश सचिव विक्रम मिश्र ने बताया कि हर निशाना सटीक खुफिया इनपुट पर चुना गया था, ताकि आम लोगों को कोई नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का पूरा हक इस्तेमाल किया है और यह आत्मरक्षा का एक हिस्सा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पुलवामा और पहलगाम आतंकवादी हमलों का ‘न्याय’ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आतंकियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।

भारतीय सेनाओं ने केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया; रिपोर्ट्स के अनुसार ऑपरेशन में SCALP और हैमर जैसी उन्नत क्रूज़ मिसाइलों का प्रयोग किया गया। सुरक्षा के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद किए गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने भारत का संदेश स्पष्ट किया है: सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रेस मीट और ड्रोन फुटेज से भी दिखाई दिया कि हमलों में सावधानीपूर्वक ‘क्लिनिकल एफिशिएंसी’ से आतंकियों को निशाना बनाया गया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान सरकार ने तुरंत ऑपरेशन सिंदूर को ‘युद्ध की कार्रवाई’ बताकर कड़ा विरोध जताया। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई और कहा कि उन्होंने सेना को जवाबी कार्रवाई का अधिकार दे दिया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया कि इन हमलों में उनके आंकड़ों के मुताबिक 26 नागरिक मारे गए और 46 घायल हुए। इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय लड़ाकू विमानों को भी मार गिराने का दावा किया।

पाकिस्तान ने जोर देकर कहा कि उसने भारतीय स्ट्राइक का सामना किया है, हालांकि दोनों तरफ अब भी आपसी दावों के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसहाक डार ने कहा कि भारत का यह कदम ‘अनुचित और हठीला’ था। पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक को तलब करके आपत्ति जताई है। अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों ने दोनों पक्षों को संयम बरतने की अपील की है। विदेश सचिव मिश्र ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमें सूचित किया गया था कि पाकिस्तान के आतंकी मॉड्यूल नई साजिश रच रहे हैं, इसलिए समय रहते कार्रवाई की जरूरत थी।”

जैश-ए-मोहम्मद के प्रवक्ताओं ने सोशल मीडिया पर कहा कि अजहर के दस परिवारिक सदस्यों की जान गई है। हालांकि, इस दावे की कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी। चीन ने भी प्रतिक्रिया दी और इन हवाई हमलों को ‘कष्टप्रद’ करार दिया। उसने दोनों देशों से संयम बरतने और स्थिति को और जटिल न करने की अपील की।

क्या पाकिस्तान पलटवार करेगा?

पाकिस्तानी नेता भारी तेवर दिखा रहे हैं, लेकिन बड़ी लड़ाई की संभावना कम लगती है। दोनों परमाणु संपन्न देशों की रणनीति आमतौर पर नियंत्रण में रहती है। अमेरिका और अन्य शक्तियों ने संयम बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान अप्रत्यक्ष तरीकों से ही हमले का जवाब देने की कोशिश करेगा, क्योंकि दोनों देश परमाणु संतुलन में बंधे हैं। सीमा पार आतंकी गतिविधियों या घुसपैठ की घटनाओं में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। भारत-पाक सीमा पर पहले भी अक्सर छोटे संघर्ष होते रहे हैं, लेकिन बड़े युद्ध की आशंका फिलहाल कम है। दोनों सेनाएँ चौकन्नी हैं और परामर्श से आगे बढ़ने की रणनीति पर जोर है।

मुख्य बिंदु:

◉ ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और PoK के 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।
◉ निशानों में विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके कैंप और जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय शामिल थे।
◉ प्रेस कांफ्रेंस में Colonel Sofia Qureshi (Indian Army) समेत दो महिला अधिकारियों ने ऑपरेशन का विवरण दिया। कर्नल कुरैशी गुजरात की रहने वाली हैं और 2016 के बहुपक्षीय अभ्यास ‘Force 18’ में भारत का नेतृत्व कर चुकी हैं।
◉ पाकिस्तान ने हमले को ‘युद्ध की कार्रवाई’ बताते हुए जवाबी धमकी दी, और इसके बाद LoC पर गोलाबारी तेज हो गई।
◉ सोशल मीडिया पर ‘will Pakistan retaliate’, ‘will Pakistan attack India’ तथा ‘did India attack Pakistan today’ जैसे सवाल चल रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ इन अटकलों पर फिलहाल पानी फेर रहे हैं।

इस संघर्ष ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय सेना सीमा की रक्षा में दृढ़ संकल्प और तत्परता से खड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि देश आतंकवादियों के खिलाफ ‘पक्के और निर्णायक कदम’ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, और ऑपरेशन सिंदूर ने इसी संकल्प को मूर्त रूप दिया है। विश्व समुदाय ने भी भारत का समर्थन किया है; अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और कई अन्य देशों ने हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि आतंकवादियों का दंड वैसे ही मिले जैसा वे देते हैं। इससे पहले पठानकोट, पुलवामा और मुंबई जैसे हमलों के बाद भी भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपना दृढ़ संकल्प दिखाया था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर चौकसी और बढ़ा दी गई है और भारतीय जवान सतर्क हैं। राष्ट्रीय एकता, साहस और पूरी तैयारी के साथ ही भारत हर चुनौती का सामना करेगा। भारत ने आज पूरे देश में मॉक ड्रिल (Mock Drill) भी शुरू कर दी है।

सरकार ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और आतंकी मॉड्यूल पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने यह भी स्पष्ट किया है कि आतंकवाद से निपटने के लिए दोहरी रणनीति की जरूरत है: सीमापार सर्जिकल स्ट्राइक और आंतरिक सुरक्षा उपाय एक साथ चलाए जाएँ। अंततः ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत सीमा पर किसी भी आतंकी हमले का बहादुरी से जवाब देगा।

देशभक्ति और एकता की भावना पूरे राष्ट्र में प्रबल है, और हर नागरिक को विश्वास है कि भारतीय सेना आतंकवाद के खिलाफ पूर्ण रूप से लड़ने के लिए तैयार है। सभी भारतीयों को आश्वस्त होना चाहिए कि सीमा की रक्षा सर्वोपरि है, और आतंकवाद के सामने भारत कभी झुकेगा नहीं। जय हिंद!

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