मोदी 3.0: 1 साल बाद सरकार के Big फैसले और उनका असर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी 3.0 सरकार के पहले साल के दौरान लिए गए अहम फैसलों पर बोलते हुए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2024 में तीसरी बार सत्ता में वापसी की। मोदी 3.0 सरकार के पहले साल में कई बड़े और अहम फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था, समाज, कानून व्यवस्था, विदेश नीति और आम जनता की जिंदगी पर पड़ा है। इस लेख में हम उन मुख्य फैसलों की विस्तार से चर्चा करेंगे, जो मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में लिए और जिनका देश पर व्यापक प्रभाव पड़ा।

मोदी 3.0: इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में तीव्र प्रगति

मोदी 3.0 सरकार ने अपने पहले ही साल में इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता दी। देशभर में रेलवे, हाईवे, बंदरगाह और हवाई अड्डों के विकास के लिए बड़ी योजनाएं शुरू की गईं। तेलंगाना में रेलवे के लिए अस्सी हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, जिसमें नई रेल लाइनों का निर्माण, स्टेशनों का आधुनिकीकरण और संपूर्ण विद्युतीकरण जैसी योजनाएं शामिल थीं।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा एक साथ 18 राज्यों में 103 अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया गया, जो यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया।

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सरकार ने महाराष्ट्र में वधावन मेगा पोर्ट के निर्माण की योजना को भी हरी झंडी दी, जिसके लिए छिहत्तर हजार दो सौ करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। इस परियोजना के पूरा होने से भारत के समुद्री व्यापार में नई जान आएगी और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति और मजबूत होगी।

कर व्यवस्था और पेंशन में सुधार

मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने टैक्स स्लैब में बदलाव किए। नई कर नीति के तहत अब तीन लाख रुपये से सात लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इससे बड़ी संख्या में वेतनभोगी और छोटे व्यवसायियों को राहत मिली है। इसके साथ ही सरकार ने सैलरीड कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को पचास हजार से बढ़ाकर पचहत्तर हजार कर दिया है।

पेंशन प्रणाली में भी सरकार ने बड़ा सुधार किया है। अब जिन कर्मचारियों ने पच्चीस साल की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें औसतन बेसिक सैलरी का पचास प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। इससे लाखों सरकारी कर्मचारियों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।

आवास योजनाओं का विस्तार

मोदी सरकार ने अपने पहले और दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना को प्राथमिकता दी थी, और तीसरे कार्यकाल में भी इस दिशा में सरकार ने बड़ी पहल की। सरकार ने आगामी वर्षों में तीन करोड़ नए घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। जुलाई 2024 तक लगभग दो करोड़ चौरानबे लाख घरों को मंजूरी दी जा चुकी है और इनमें से दो करोड़ तिरेसठ लाख से अधिक घर बनकर तैयार हो चुके हैं।

इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को घर मिल रहे हैं। इसके तहत न केवल छत का सपना पूरा हो रहा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।

किसानों के लिए राहत और समर्थन

किसान हमेशा से मोदी सरकार की नीतियों का केंद्र रहे हैं। तीसरे कार्यकाल में भी सरकार ने किसानों के लिए कई बड़े फैसले लिए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सत्रहवीं किस्त किसानों को समय पर जारी की गई, जिससे करोड़ों किसानों को सीधा आर्थिक लाभ मिला।

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इसके अलावा, सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में वृद्धि की है। खरीफ और रबी फसलों के एमएसपी में सौ से लेकर पांच सौ पचास रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल रहा है और उनकी आमदनी में इजाफा हुआ है।

वन नेशन, वन इलेक्शन की ओर कदम

एक देश, एक चुनाव यानी वन नेशन, वन इलेक्शन की दिशा में सरकार ने ठोस पहल की है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया, जिसने देश की बासठ से अधिक राजनीतिक पार्टियों से बातचीत की और उनमें से बत्तीस ने इस पहल का समर्थन किया।

इस विचार का उद्देश्य देश में बार-बार होने वाले चुनावों के खर्च और समय की बचत करना है। इससे प्रशासनिक कार्यों पर फोकस बढ़ेगा और विकास योजनाएं बाधित नहीं होंगी। हालांकि विपक्ष के कुछ दलों ने इस विचार का विरोध भी किया है, लेकिन सरकार इसपर गंभीरता से आगे बढ़ रही है।

न्याय प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव

भारतीय न्याय प्रणाली में लंबे समय से सुधार की मांग उठती रही है। मोदी 3.0 सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पुराने कानूनों की जगह तीन नए कानून लागू किए। भारतीय दंड संहिता और आपराधिक प्रक्रिया संहिता को समाप्त कर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किए गए हैं।

इन नए कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को तेज, पारदर्शी और आधुनिक बनाना है। साथ ही सरकार ने राजद्रोह कानून को खत्म कर देशद्रोह की एक नई परिभाषा दी है, जिससे अभिव्यक्ति की आजादी को सुरक्षित रखते हुए देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक और उसके प्रभाव

मोदी 3.0 सरकार ने वक्फ संपत्तियों से जुड़े मुद्दों पर बड़ा कदम उठाते हुए वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और अवैध कब्जों पर रोक लगाना है। सरकार का मानना है कि वर्षों से कई वक्फ संपत्तियों का गलत तरीके से उपयोग हो रहा था, जिसे अब रोका जाएगा।

इसके तहत वक्फ बोर्डों को अपने खातों की नियमित ऑडिट करानी होगी और संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। इस कदम से मुस्लिम समुदाय में भी विकास की प्रक्रिया को पारदर्शी और न्यायपूर्ण बनाने की दिशा में सरकार ने मजबूत पहल की है।

विदेश नीति में मजबूती

मोदी 3.0 सरकार ने विदेश नीति में भी स्पष्ट और सख्त रुख अपनाया है। पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों के जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान को मिलने वाला पानी रोका गया। यह फैसला देश की जल सुरक्षा और विदेश नीति की दृष्टि से बेहद अहम है।

इसके साथ ही भारत ने विश्व मंचों पर अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। पड़ोसी देशों के साथ संतुलन बनाते हुए वैश्विक ताकतों के साथ रणनीतिक संबंध बनाए रखे गए हैं।

आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर

मोदी 3.0 सरकार ने आर्थिक विकास और युवाओं के लिए रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी है। गति शक्ति योजना के तहत मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को तेज किया गया है। इस योजना के माध्यम से देशभर में लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जा रहा है, जिससे उद्योगों को लाभ और युवाओं को रोजगार मिल रहा है।

सरकार ने पीएम इंटर्नशिप योजना भी शुरू की है, जिसके माध्यम से कॉलेज के छात्र और युवा तकनीकी कौशल प्राप्त कर पा रहे हैं और भविष्य में नौकरी पाने के लिए तैयार हो रहे हैं। इससे स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिला है और युवा वर्ग में आत्मविश्वास भी आया है।

जातीय जनगणना: मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला और उसके प्रभाव

मोदी 3.0 सरकार ने 30 अप्रैल 2025 को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आगामी जनगणना में जातीय गणना को शामिल करने का फैसला किया है। यह निर्णय सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि यह जनगणना सभी जातियों के डेटा को एकत्रित करेगी, जिससे नीति निर्माण में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।

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मोदी 3.0 सरकार का पहला साल निर्णयों और योजनाओं से भरा रहा है। हर क्षेत्र में सरकार ने कुछ न कुछ बड़ा किया है, चाहे वह रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण हो या किसानों के लिए आर्थिक सहायता, चाहे वह टैक्स में राहत हो या पेंशन की नई व्यवस्था। सरकार का विजन स्पष्ट है – आत्मनिर्भर भारत, विकसित भारत और मजबूत भारत।

हालांकि, कुछ फैसलों पर विरोध भी हुआ और विपक्ष ने सवाल उठाए, लेकिन सरकार ने अपने निर्णयों पर अडिग रहते हुए आगे बढ़ने का संकेत दिया है। यदि इसी गति से काम जारी रहा, तो आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक मंच पर और भी अधिक प्रभावशाली देश बन सकता है।

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